परदे की ओंट से झांकता सूरज। कई टुकड़ों में बिखरा है। परदे की ओंट से झांकता सूरज। कई टुकड़ों में बिखरा है।
गुलाब के चक्कर में, मैं कांटों से इश्क़ लड़ाता रहा। गुलाब के चक्कर में, मैं कांटों से इश्क़ लड़ाता रहा।
जब कभी मिलते हैं सुकून के कुछ पल, यादों के झरोखों से झांकता आ ही जाता है बीता हुआ कल जब कभी मिलते हैं सुकून के कुछ पल, यादों के झरोखों से झांकता आ ही जाता है बीता...
अब हमें तुम्हारे घर में तुम्हें ही हराना आता है। अब हमें तुम्हारे घर में तुम्हें ही हराना आता है।
रोशनी तो सूरज में भी है और चाँद में भी फ़र्क इतना है कि किसी में आग है तो किसी मे दाग़ ... रोशनी तो सूरज में भी है और चाँद में भी फ़र्क इतना है कि किसी में आग है...
मंदिर की घंटियां जब एक सुर में आवाज करती हैं एक नई सुबह की शुरुआत होती है मन की पवित्रता बहुत ... मंदिर की घंटियां जब एक सुर में आवाज करती हैं एक नई सुबह की शुरुआत होती है ...